अखिल भारत हिंदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव डॉक्टर अन्नपूर्णा भारती ने शनिवार को गाजियाबाद डीएम कार्यालय से पैदल यात्रा की शुरुआत की। डॉक्टर अन्नपूर्णा देहरादून तक मुख्यमंत्री के कार्यालय तक जाएंगी। उन्होंने महामंडलेश्वर यति नरसिंह आनंद सरस्वती और जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की रिहाई की मांग को लेकर पैदल यात्रा की शुरुआत की है।

प्रशासन ने दो लोगों के जाने की अनुमति दी

हालांकि, गाजियाबाद प्रशासन ने सिर्फ दो लोगों को साथ में जाने की अनुमति दी है, जबकि डॉक्टर अन्नपूर्णा ने सात लोगों की अनुमति ली थी। उन्होंने पहले ही घोषित कर दिया था कि कोरोना और चुनाव को देखते हुए वह सात लोगों के साथ ही गाजियाबाद से पैदल यात्रा शुरू करेंगी। देहरादून मुख्यमंत्री कार्यालय तक जाएंगी। मगर गाजियाबाद प्रशासन ने उन्हें अनुमति नहीं दी। काफी निवेदन के बाद भी जब उन्हें अनुमति नहीं मिली दो लोगों के साथ जाने को तैयार हो गई। प्रशासन ने उन्हें दो लोगों के साथ पैदल जाने की अनुमति दे दी। हालांकि, प्रशासन उन्हें गाड़ी से जाने के लिए अनुमति दे रहा था। लेकिन उन्होंने कहा कि पैदल ही यात्रा तय करेंगी।

संतों की गिरफ्तारी ठीक नहीं

डॉक्टर अन्नपूर्णा ने यह यात्रा स्वामी यति नरसिंहानंद सरस्वती एवं जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की रिहाई की मांग को लेकर शुरुआत की है। पिछले महीने हरिद्वार में हुए धर्म संसद में इन दोनों पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया गया था। कहा गया था कि इनके भाषण से माहौल खराब हो सकता था। सबसे उत्तराखंड पुलिस ने जितेंद्र नारायण त्यागी को गिरफ्तार किया था। उसके बाद उन्होंने यति नरसिंहनंद सरस्वती को गिरफ्तार कर लिया गया था। उसी के बाद से डॉक्टर अन्नपूर्णा भारती इन दोनों लोगों की रिहाई की मांग कर रही थी। इसके बाद से उन्होंने उत्तराखंड सरकार से भी मांग की कि संतो को रिहा कर दिया जाए, संतों की गिरफ्तारी करना ठीक नहीं है। संत देश की धरोहर हैं, उन्हें यदि इस तरह से जेल की सलाखों के पीछे डाला जाएगा तो यह राष्ट्र के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने कहा यति नरसिंहानंद सरस्वती सिर्फ हिंदुत्व की आवाज उठाते रहे हैं, उन्होंने देश धर्म के लिए ऐसा कोई काम नहीं किया, जिससे उन्हें गिरफ्तार किया जाए। सनातन धर्म की अलख जगाने के लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित कर दिया, जबकि वह विदेश में नौकरी कर रहे थे और नौकरी छोड़कर भारत में आए। पहले वो आराम की जिंदगी व्यतीत कर सकते थे। मगर उन्होंने रास्ता कठिनाई पूर्ण चुना है, भले ही यह मार्ग कठिन हो लेकिन उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया है कि सनातन धर्म को जगा कर राष्ट्र की रक्षा का अलख जगाएंगे।

पूरे राष्‍ट्र को जगाने का काम करेंगे अन्‍नपूर्णा भारती

डॉक्टर अन्नपूर्णा भारती ने कहा कि वह भी इसी मार्ग पर हैं, उन्हें पता है कि देश में सनातन धर्म को जगाने के लिए कठिन मार्ग है, रास्ते में बहुत मुश्किलें आएंगी और आ भी रही हैं, मगर वो डरने वाली नहीं है। अपने कदम पीछे खींचने वाली नहीं है। वह पूरे राष्ट्र को जगाने का काम करेंगी। डॉक्टर अन्नपूर्णा ने कहा कि उन्होंने हिंदुत्व को जगाने के लिए बहुत छोटी मुहिम शुरू की थी, मगर धीरे-धीरे यह मुहिम उनकी बढ़ती चली जा रही है। आज संत समाज उन्हें पूरे देश में आदर देता है और पूरे देश में संत समाज उनकी बात को सुनता है, विचार करता है और चिंतन, मंथन करता है। इससे गौरवशाली बात उनके लिए कुछ और नहीं हो सकती है। आज भले ही सनातन धर्म कुछ जागरूक ना हो, लेकिन आने वाले दिनों में उनकी बात को जरूर मानेंगे। उन्होंने कहा कि यति नरसिंहानंद सरस्वती और जितेंद्र नारायण त्यागी की गिरफ्तारी के बाद से वह बहुत ज्यादा आहत हैं और रिहाई कराकर ही दम लेंगी। डाक्टर अन्नपूर्णा भारती गाजियाबाद मेरठ होते हुए देहरादून पहुंचेंगी।

By radmin