आगामी तीन मई से चारधाम यात्रा शुरू हो रही है। इस बार गंगोत्री धाम में पहली बार श्रद्धालुओं के लिए खास सेवा शुरू की जा रही है। इसके लिए समिति की वेबसाइट पर बुकिंग करानी होगी

गंगोत्री धाम में अभी तक आनलाइन पूजा की कोई व्यवस्था नहीं थी। इस बार गंगोत्री मंदिर समिति की ओर से आनलाइन पूजा का निर्णय लिया गया है। यह व्यवस्था इस बार कपाट खुलते ही शुरू हो जाएगी। मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने कहा कि आनलाइन पूजा के लिए श्रद्धालुओं को समिति की वेबसाइट पर बुकिंग करानी होगी।

इसके लिए वेबसाइट पर ही मंदिर समिति का अकाउंट नंबर और बैंक खाते का क्यूआर कोड दिया जाएगा। इसके माध्यम से श्रद्धालु आनलाइन पूजा का शुल्क जमा कर सकते हैं। आनलाइन पूजा के दौरान तीर्थ पुरोहित संबंधित श्रद्धालु से वीडियो काल के जरिये संपर्क करेगा।

श्रद्धालुओं के घरों तक गंगाजल निशुल्क पहुंचाएगी समिति

गंगोत्री मंदिर समिति देश-विदेश में श्रद्धालुओं के घरों तक गंगोत्री का गंगाजल निशुल्क पहुंचाएगी। इसके लिए समिति ने बाटलिंग और पैकेजिंग की तैयारी शुरू कर दी है। गंगाजल मंगवाने के लिए श्रद्धालुओं को गंगोत्री मंदिर समिति की वेबसाइट पर आवेदन करना होगा।

अभी तक डाकघर और कुछ निजी कंपनियां गंगोत्री के गंगाजल को श्रद्धालुओं तक तय शुल्क पर पहुंचा रही हैं। वेबसाइट कपाट खुलने से पूर्व तैयार हो जाएगी।

विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीय पर्व पर तीन मई को खोले जाने हैं। इसके लिए गंगोत्री मंदिर समिति तैयारियों में जुटी है। इसके साथ ही यात्रा सीजन शुरू होने से पूर्व मंदिर समिति ने दो बड़े निर्णय भी लिए हैं।

इसमें एक देश-विदेश के श्रद्धालुओं के घरों तक डाक या कोरियर के जरिये निशुल्क 200 एमएल वाली गंगाजल की बोतल पहुंचाने का है। इसके लिए श्रद्धालुओं को गंगोत्री मंदिर समिति की वेबसाइट पर आवेदन कर उसमें अपना पूरा पता व मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा। इसके अलावा श्रद्धालु वेबसाइट पर दिए गए मोबाइल नंबरों के जरिये भी समिति के पदाधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं।

मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि पूर्व में तीर्थ पुरोहित देश भ्रमण के दौरान अपने साथ कुछ श्रद्धालुओं के लिए गंगाजल ले जाते रहे हैं।

इसके बाद भी देश के अलग-अलग प्रांतों से वर्षभर तीर्थ पुरोहितों के पास गंगाजल के लिए फोन आते हैं। लेकिन, कोई समुचित सुविधा न होने के कारण वह गंगाजल नहीं भेज पा रहे थे। अब मंदिर समिति के इस निर्णय से श्रद्धालुओं को काफी सुविधा होगी। गंगाजल पहुंचाने की यह व्यवस्था गंगोत्री धाम के कपाट खुलते ही लागू हो जाएगी।

चारधाम यात्रा को प्रशिक्षित किए जाएंगे चिकित्सक

प्रदेश में चारधाम यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात किए जाने वाले चिकित्सकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन चिकित्सकों को हृदयाघात और हाई एल्टीट्यूड सिकनेस (अधिक ऊंचाई पर जी मचलाना) के उपचार को प्रशिक्षित किया जाएगा। यात्रा के दौरान इन्हीं दोनों की शिकायत यात्रियों को सबसे अधिक होती है।

प्रदेश में चारधाम यात्रा के दौरान सरकार द्वारा यात्रा मार्गों पर अस्थायी स्वास्थ्य केंद्र खोलने के साथ ही इन मार्गों पर पडऩे वाले चिकित्सालयों में अतिरिक्त चिकित्सकों की तैनाती की जाती है। उद्देश्य यह कि चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों को उचित उपचार दिया जा सके। इस वर्ष भी यह व्यवस्था बनाई जा रही है। यात्रा के दौरान यात्रियों को हृदयाघात की सबसे अधिक शिकायतें आती हैं।

दरअसल, चार धामों के ऊंचाई पर होने के कारण यहां आक्सीजन की कमी होती है। विशेष रूप से बदरीनाथ व केदारनाथ मार्ग पर बुजुर्ग यात्री इस समस्या से दो-चार होते हैं। इस दौरान कई यात्रियों की मृत्यु भी हो जाती है। इसे देखते हुए सरकार का फोकस यात्रा मार्ग पर आक्सीजन की व्यवस्था सुचारू करने के साथ ही चिकित्सकों को प्रशिक्षित कर इन मार्गों पर तैनात करने पर है।

इसके लिए यात्रा ड्यूटी पर लगने वाले चिकित्सकों को 15-15 दिन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और निजी अस्पतालों में दिया जाएगा। सचिव स्वास्थ्य डा. पंकज कुमार पांडेय ने कहा कि सभी चिकित्सकों की ड्यूटी रोटेशन में लगाई जाएगी।

By radmin