सहकारिता व शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा सरकार किसानों की बेहतरी के लिए धरातल पर कार्य कर रही है। किसान नई तकनीकों को सीख सकें इसके लिए सरकार ने प्रदेश के हर जिले से एक किसान को विदेश यात्रा पर भेजने का निर्णय लिया है।

साथ ही प्रदेश से 15 किसानों को अन्य हिमालयी राज्य हिमाचल, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और अन्य राज्यों की यात्रा में भेज कर वहां की खेती की नई तकनीक और जानकारियों से अवगत कराया जाएगा। 

नैनीताल में सहकारिता सम्मेलन

यह बातें उन्होंने शहर में आयोजित सहकारी सम्मेलन के दौरान कहीं। उन्होंने ऋण आवंटन में गड़बड़ी करने वाले समिति सचिवों को चेताया कि यदि पोर्टल पर उन्हें कोई शिकायत मिली तो सचिव को बर्खास्त किया जाएगा।

सोमवार को नैनीताल के शैले हॉल में जिला सहकारी समिति का सहकारिता सम्मेलन आयोजित किया गया। इसमें समिति सदस्यों और किसानों की समस्याएं, सुझाव लिए जाने के साथ ही किसानों की बेहतरी के लिए विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई। 

सम्मेलन का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे कैबिनेट मंत्री सहकारिता, शिक्षा व स्वास्थ्य डॉ धन सिंह रावत, विशिष्ट अतिथि विधायक सरिता आर्या और जिला सहकारिता बैंक अध्यक्ष राजेंद्र सिंह नेगी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। 

कार्यक्रम के पहले सत्र में अध्यक्ष राजेंद्र सिंह नेगी ने बैंक और सरकार की ओर से चलाई जा रही जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी साझा किया।

कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि पांच वर्ष पूर्व उन्हें सहकारिता का दायित्व दिया गया था। तब सहकारिता विभाग करीब 56 करोड़ के नुकसान में था। 

लाभ में है सहकारिता विभाग

सरकार ने कई योजनाओं के बलबूते इसे दोबारा समृद्धि किया। आज पूरे प्रदेश में सहकारिता 150 करोड़ के लाभ में है। आजाद भारत का यह पहला मौका है उत्तराखंड सहकारिता में कितना लाभ कमा पाया है।

उन्होंने कहा कि पूर्व में सहकारिता समितियों से जुड़े हुए किसानों को पांच से दस हजार का ऋण मिलता था। ब्याज के चलते पांच वर्ष में यह कई गुना भुगतान करना पड़ता था।

मगर भाजपा सरकार ने दीनदयाल उपाध्याय योजना के तहत 2 प्रतिशत ब्याज पर ऋण दिया। 

शून्य ब्याज वाला पहला राज्य

बाद में किसान कल्याण योजना के तहत 0 प्रतिशत ब्याज पर ऋण देने वाला उत्तराखंड देश का  पहला प्रदेश बना। वर्तमान में सरकार सहकारिता के तहत सवा छह लाख लोगों को एक से पांच लाख तक का चार हजार करोड़ का ऋण शून्य प्रतिशत ब्याज पर दिया गया है।

जिसमें 4200 महिला समूह भी शामिल है। सहकारिता गांव को समृद्ध करने वाली कड़ी है। उन्होंने सम्मेलन के दौरान बैंक प्रबंधकों और समिति सचिवों को निर्देशित किया कि नियमों का सरलीकरण करते हुए गरीब और जरूरतमंद किसानों को ऋण दिया जाए। 

कार्रवाई की चेतावनी

कहा कि यदि उन्हें पोर्टल पर किसी भी किसान की शिकायत मिली तो समिति सचिव को बर्खास्त करने की कार्रवाई की जाएगी। सम्मेलन में किसानों और समिति पदाधिकारियों व सदस्यों के सुझाव भी लिए गए। जिनको कैबिनेट मंत्री ने अगले सम्मेलन में रखने का आश्वासन दिया।

सम्मेलन में भाजपा जिला अध्यक्ष प्रदीप बिष्ट, डिप्टी रजिस्ट्रार मनोहर सिंह मर्तोलिया, मनमोहन सिंह, प्रदीप जैनौटी समेत तमाम लोग मौजूद रहे। 

हर किसान को सहकारी सदस्य बनाने की अपील

धन सिंह रावत ने कहा कि सरकार किसानों की बेहतरी के लिए लगातार प्रयत्न कर रही है। सहकारिता के तहत ऋण प्राप्त कर बेहतर कार्य करने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने को लेकर अब सरकार प्रदेश के हर जिले से एक किसान को विदेश यात्रा पर भेजेंगी। जहां किसान नई तकनीकों और जानकारियों को ग्रहण कर पाएंगे। 

इसके अलावा उन्होंने सहकारिता का लाभ हर व्यक्ति तक पहुंचाए जाने को लेकर सभी किसानों को सहकारिता सदस्यता दिलाने की बात कही।

सहकारी सचिव का नाम-वेतन बदलेगा

साथ ही उन्होंने कहा कि बेहतर कार्य करने वाले सहकारी सचिव को दस हजार से एक लाख प्रति माह वेतन दिए जाने का प्रावधान किया गया है। जल्द ही सहकारी सचिव का नाम बदलकर सीईओ किया जाएगा। संबंधित नियमावली को अगली कैबिनेट बैठक में रख मंजूरी दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि किसानों के ऐसे बच्चे जो यूपीएससी की प्री परीक्षा पास कर चुके हो उन्हें आगे की तैयारी के लिए कोऑपरेटिव बैंक खर्च उठाएगा। साथ ही आगामी सितंबर माह में गैरसैंण में चिंतन शिविर आयोजित किया जाना है। जिसमें किसान नवाचार का प्रदर्शन कर सकेंगे।

By radmin