केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्यों में अब तेजी आएगी। केदारनाथ में तृतीय और बदरीनाथ में प्रथम चरण के पुनर्निर्माण कार्य चल रहे हैं। अब जबकि वर्षाकाल समाप्ति की ओर है तो दोनों धामों में कार्य तेज करने पर जोर दिया जा रहा है।
इसी कड़ी में पर्यटन विभाग के उस प्रस्ताव को कैबिनेट ने हरी झंडी दे दी, जिसमें कंसल्टेंसी एजेंसी आइएनआइ डिजाइन स्टूडियो के कार्मिकों की संख्या बढ़ाने का आग्रह किया गया था। इसके अलावा केदारनाथ में मंदाकिनी नदी और आस्था पथ की ओर निर्माणाधीन भवनों में एकरूपता लाने के मद्देनजर छह भवनों को द्वितीय तल का निर्माण कराने की स्वीकृति भी दी गई है।
केदारनाथ का पुनर्निर्माण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है। वहां प्रथम व द्वितीय चरण के पुनर्निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं। इससे केदारपुरी नए कलेवर में निखरी है। वर्तमान में वहां तृतीय चरण के निर्माण कार्य चल रहे हैं।
इसके अलावा प्रधानमंत्री के निर्देश पर ही बदरीनाथ धाम को भी विकसित किया जा रहा है। वहां प्रथम चरण के कार्य कुछ समय पहले शुरू किए गए थे। इस बीच वर्षाकाल के कारण दोनों धामों में पुनर्निर्माण कार्यों की गति धीमी पड़ी है।
अब इन्हें तेज करने के उद्देश्य से दोनों धामों में कंसल्टेंसी का कार्य कर रही एजेंसी को कार्मिकों की संख्या बढ़ाने की अनुमति दी गई है। साथ ही एजेंसी के कार्मिकों के मानदेय में वृद्धि करते हुए इसके लिए 1.37 करोड़ रुपये के अलावा प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत की वृद्धि किए जाने पर भी कैबिनेट ने सहमति दी है।
रेल लाइन के निकट सरकारी निर्माण से पहले रेलवे को दी जाएगी सूचना
प्रदेश में अब रेलवे लाइन के आसपास कोई भी निर्माण करने से पहले रेलवे को सूचना दी जाएगी। परियोजना में रेलवे व संबंधित विभाग के बीच एक राय न बनने की स्थिति में विषय को कमेटी आफ इंजीनियर्स के सम्मुख प्रस्तुत किया जाएगा। इस समिति में रेलवे के साथ ही लोक निर्माण विभाग, सिंचाई, पेयजल व जल विद्युत निगम के अधिकारी शामिल होंगे। कैबिनेट ने इसके लिए उत्तराखंड मैनुअल आफ इंस्ट्रक्शन फार रेलवे एफेक्टिंग वक्र्स को मंजूरी दे दी है।
सितारजंग चीनी मिल पीपीपी मोड पर होगी संचालित
सितारगंज चीनी मिल अब पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) आधार पर संचालित की जाएगी। कैबिनेट ने इसमें निवेशकों के सुझाव पर निर्धारित सुरक्षा धनराशि व धरोहर धनराशि में कटौती करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसके लिए संचालकों को सुरक्षा धनराशि को पांच प्रतिशत के स्थान पर कुल निवेश का दो प्रतिशत करने और धरोहर धनराशि को एक प्रतिशत से कम कर 0.25 प्रतिशत करने को मंजूरी दी गई है।
उत्तर प्रदेश से आए सात संग्रह अमीन बनेंगे नायब तहसीलदार
कैबिनेट ने सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के क्रम में उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड आए सात संग्रह अमीनों की नायब तहसीलदार पद पर पदोन्नति करने को उत्तराखंड संग्रह राजस्व निरीक्षक एवं संग्रह नायब तहसीलदार सेवा संशोधन नियमावली को मंजूरी प्रदान की है। इस संबंध में जल्द आदेश जारी किए जाएंगे।
सिविल जज जूनियर डिवीजन कहलाए जाएंगे सिविल जज
प्रदेश में अब सिविल जज जूनियर डिवीजन को सिविल जज और सिविल जज सीनियर डिवीजन को सीनियर जज कहा जाएगा। कैबिनेट ने इसके लिए उत्तराखंड अधीनस्थ सिविल न्यायालय लिपिकवर्गीय अधिष्ठान नियमावली में संशोधन को मंजूरी प्रदान की है।