नेपाल के लास्कु में बादल फटने से काली नदी का जलस्तर बढऩे से भारत और नेपाल में व्यापक क्षति हुई है। भारत में एक महिला और नेपाल में पांच लोगों की मौत हो चुकी है। सभी शव बरामद कर लिए गए हैं। नेपाल में चार लोग अभी भी लापता हैं। हाईवे में एलधारा के पास मलबा आने से धारचूला के मल्ली बाजार में सड़क पर मलबा और पानी भर गया है। वाहन मलबे में दबे हैं।
50 मकान जलमग्न
बादल फटने से आए मलबे से काली नदी का प्रवाह प्रभावित होने से बनी झील में खोतिला के व्यास नगर के लगभग पचास मकान जलमग्न हो गए। एक महिला पशुपति देवी 65 वर्ष पत्नी मन बहादुर की पानी में डूबने से मौत हो गई। महिला का शव बरामद कर लिया गया है। धारचूला खोतिला पैदल मार्ग का पुल क्षतिग्रस्त हो चुका है।
नेपाल में मृतकों की हुई पहचान
उधर मित्र राष्ट्र नेपाल में अभी तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है। जिनकी शिनाख्त भी हो चुकी है। मृतकों में महाकाली नगरपालिका के अंतर्गत वार्ड नंबर दो नंद राम बोहरा 77 वर्ष, वार्ड नंबर एक सल्ला निवासी मानमती कार्की 44 वर्ष, वार्ड नं 2 नौगांव निवासी जानकी ठगुन्ना 32 वर्ष , धनुली ठगुन्ना 15 वर्ष और मोहन राम पार्की 68 वर्ष के शव बरामद हो चुके हैं।
आठ मकान मलबे में दबे
नेपाल के सल्ला गांव के आठ मकान मलबे में दब गए हैं। गांव निवासी वीरा ठगुन्ना गंभीर घायल है। दार्चुला के खलंगा स्थित दशरथ नगर स्कूल बह गया है। नेपाल के दुहू और महाकाली को जोडऩे वाला पैदल पुल और मोटर पुल बह गए हैं। दार्चुला से चीन सीमा तिंकर जाने वाले मार्ग पर खड़े चार वाहन बह गए हैं। पेयजल योजना निर्माण करने वाले ठेकेदार की दो लोडर मशीन और वाहनों सहित सारी सामग्री बह चुकी है। महाकाली नदी किनारे सुरक्षा के लिए बनाए गए तटबंध भी क्षतिग्रस्त हुए हैं।
चार लोग अभी लापता
नेपाल से मिली जानकारी के अनुसार काठमांडू से हेलीकॉप्टर से राहत सामग्री पहुंच रही है। नेपाल में चार लोगों के अभी लापता होने की सूचना है। नेपाल के दार्चुला प्रशासन के अनुसार अभी क्षति का आंकलन किया जा रहा है। आपदा से हुई पूरी क्षति का आकंलन नहीं हो सका है। नेपाल पुलिस, प्रशासन और नेपाल सशस्त्र बल खोज एवं बचाव कार्य में जुटा है।
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ बचाव में जुटी
इधर भारत में पुलिस, प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व आपदा प्रबंधन टीम, राजस्व टीम राहत एवं बचाव में जुटी है। पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह ने बताया कि काली नदी का जलस्तर बढऩे से नदी किनारे स्थित गांवों और बाजारों में निवास करने वालों को सतर्क कर दिया गया है।