ऑस्ट्रेलिया पर 2-1 की बढ़त के बाद सूर्यकुमार ने बताई जीत की कुंजी
भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने आस्ट्रेलिया पर चौथे टी20 मैच में 48 रन से मिली जीत के लिये बल्ले और गेंद से अपने खिलाड़ियों के चतुराई भरे खेल को श्रेय दिया। भारत ने 167 रन बनाने के बावजूद जीत दर्ज करके पांच मैचों की सीरीज में 2-1 से बढ़त बना ली है।
सूर्यकुमार ने जीत के बाद कहा, ‘मुझे लगता है कि बल्लेबाजों को इसका श्रेय जाना चाहिए। शुभमन और अभिषेक ने जिस तरह से शुरूआत की, उन्हें पता था कि यह 200 या 220 रन वाला विकेट नहीं है। उन्होंने चतुराई से खेला। बल्लेबाजों की तरफ से यह पूरा टीम प्रयास था।’
उन्होंने आगे कहा, ‘मैं और गौती भाई ( कोच गौतम गंभीर) इस बारे में स्पष्ट हैं कि गेंदबाजों को आक्रामक प्रदर्शन करना होगा। मैदान पर ओस अधिक नहीं थी लेकिन गेंदबाजों ने खुद को जल्दी ढाल लिया।’ हरफनमौला शिवम दुबे ने दो और वॉशिंगटन सुंदर ने तीन विकेट लिए।
सूर्यकुमार ने कहा, ‘दो तीन ओवर डालने वाले गेंदबाज टीम में होना हमेशा अच्छा रहता है। यह संयोजन हमे रास आता है।’ ऑस्ट्रेलियाई कप्तान मिचेल मार्श ने कहा, ‘167 का स्कोर बुरा नहीं था। हम फिनिश लाइन तक नहीं जा सके। भारतीय टीम को इसका पूरा श्रेय जाता है जो विश्व स्तरीय टीम है।’
एशेज सीरीज को देखते हुए आस्ट्रेलिया ने टीम में काफी बदलाव किए थे। प्रमुख खिलाड़ी टी20 सीरीज के आखिरी दो मैच छोड़कर इंग्लैंड के खिलाफ एशेज की तैयारी में लग गए। मार्श ने कहा, ‘आप हमेशा सर्वश्रेष्ठ टीम उतारना चाहते हैं लेकिन एशेज सीरीज आने वाली है। हम अधिक खिलाड़ियों को मौका देना चाहते थे, खासकर इस तरह के दबाव वाले मैच में।’
शिवम दुबे ने कही यह बात
ऑलराउंडर शिवम दुबे ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यहां चौथे टी20 मैच में मैदान का आकार बड़ा होने से भारत का स्कोर पर्याप्त था और गेंदबाजों ने रणनीति पर बखूबी अमल करके मेजबान को हराया। दुबे ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘इस मैदान पर 167 का स्कोर अच्छा था क्योंकि हमारे पास बेहतरीन गेंदबाज हैं। मुझे उन पर भरोसा है और पूरी टीम को उन पर भरोसा है।’
उन्होंने कहा, ‘यह टी20 मैच है और कोई भी बल्लेबाज आकर आक्रामक पारी खेल सकता है लेकिन इस मैदान पर बाउंड्री बड़ी है और हमने उसी हिसाब से रणनीति बनाई थी। हमें विश्वास था कि हम उन्हें रोक लेंगे।’
दुबे ने आगे कहा, ‘हमारी रणनीति बड़ी बाउंड्री वाली तरफ गेंद डालने की थी क्योंकि बड़े शॉट लगाना आसान नहीं है। हमने चतुराई से गेंदबाजी की और बल्लेबाज को क्रीज पर जमने के बाद बड़ी बाउंड्री वाली तरफ शॉट खेलने के लिये मजबूर किया।’
उन्होंने कहा कि मुख्य कोच गौतम गंभीर, गेंदबाजी कोच मोर्नी मोर्कल और कप्तान सूर्यकुमार यादव ने बतौर गेंदबाज उनकी काफी हौसलाअफजाई की जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा। उन्होंने कहा, मुझे जब मौका मिला तो मुझे पता था कि गेंदबाजी करनी होगी। मोर्नी, गौती भाई और सूर्या ने मेरे लिये अच्छी रणनीति बनाई थी। मोर्नी ने छोटे छोटे टिप्स दिये जिससे बेहतर गेंदबाजी में मदद मिली।’




