भारतीय फिल्मों के ध्वनि जादूगर कहे जाने वाले सुप्रसिद्ध साउंड रिकार्डिस्ट 77 वर्षीय बीके चर्तुवेदी के निधन पर गांधी रोड स्थित दीन दयाल उपाध्याय पार्क में बुद्धिजीवियों, लेखकों ने शोक सभा आयोजित कर उन्हे भावभीनी श्रद्धांजली दी। लेखक जयप्रकाश उत्तराखंडी ने बताया कि 1970 में मशहूर फिल्म निदेशक बीआर चोपडा और दिलीपकुमार की फिल्म ‘दास्तान’ से अपना फिल्मी सफर शुरू करने वाले बीके चर्तुवेदी का दून से भी संबध रहा। उन्हे कई पुरस्कार मिले।

उनकी अनगिनत प्रसिद्ध फिल्मे हैं। श्रद्धांजली सभा में लेखक मनोज पंजानी ने बीके चर्तुवेदी के फिल्मी जीवन पर अपने विचार व्यक्त किये। पर्यावरणविद चंदन सिंह नेगी, कामरेड राकेश पंत, राजेन्द्र गुप्ता, संदीप सिंह, उदित ने इसे अपूरणीय क्षति बताया। मनोज पंजानी ने कहा कि सिनेमा में लेखकीय योगदान के लिए उन्हें वीके चतुर्वेदी के हाथ सम्मानित होने का अवसर मिला। उनके साथ छब्बीस साल का जुड़ाव रहा। वह बीआर साउंड एन म्यूजिक के साउंड इंजीनियर रहे। साथ ही कई सालों तक वेस्टर्न इंडिया मोशन पिक्चर्स एंड टीवी साउंड इंजीनियर्स एसोसिएशन के महासचिव रहे।

By radmin