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अरबों की कमाई वाली Friendship, भारत के इन पांच दोस्तों ने याराने से बना लिए बड़े-बड़े बिजनेस

आज इंटरनेशनल फ्रेंडशिप डे है। और साथ ही कुछ दिनों में भारत में भी 3 अगस्त को भारत में फ्रेंडशिप डे मनाया जाएगा। ऐसे में हम आज आपको 5 ऐसे स्टार्टअप के बारे में बता रहे हैं जिसे दोस्तों ने मिलकर शुरू किया है। इनमें फ्लिपकार्ट, जेरोधा, जेप्टो, मामा अर्थ और मीशो शामिल हैं। ये सिर्फ कंपनियाँ नहीं हैं, बल्कि जज्बे, बदलाव और भारतीय सपने को हकीकत में बदलने की कहानियाँ हैं।

फ्लिपकार्ट
अमेजन के पुराने कर्मचारी और दोस्त सचिन बंसल और बिन्नी बंसल ने नौकरी छोड़ एक आम कर्मचारी की तरह खुद का बिजनेस करने की ठानी। साल 2007 में फ्लिपकार्ट (Flipkart Founder) की शुरुआत बेंगलुरु में एक ऑनलाइन बुकस्टोर के रूप में की। जल्द ही उन्होंने इसे पूरी तरह से ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बना दिया। कैश-ऑन-डिलीवरी और आक्रामक छूट पर उनके फोकस ने उन्हें भारत की बढ़ती इंटरनेट-प्रेमी आबादी तक पहुँचने में मदद की, जिससे 2018 में वॉलमार्ट ने इसमें बहुलांश हिस्सेदारी हासिल कर ली। और अब फ्लिपकार्ट वॉलमार्ट की है।

जीरोधा
वैसे तो नितिन कामथ और निखिल कामथ भाई हैं लेकिन उससे भी आगे वह दोस्त भी हैं। उन्होंने 2010 में जीरोधा की शुरुआत की थी। जीरोधा ने अपने डिस्काउंट ब्रोकरेज मॉडल के साथ भारत के स्टॉकब्रोकिंग उद्योग में क्रांति ला दी, एक तकनीक-संचालित प्लेटफॉर्म के माध्यम से कम लागत वाली ट्रेडिंग की पेशकश की। उनकी बूटस्ट्रैप्ड यात्रा और वित्तीय साक्षरता पर ध्यान केंद्रित करने से जीरोधा भारत की सबसे बड़ी बिना किसी बाहरी फंडिंग वाली रिटेल ब्रोकरेज फर्म बन गई।

जेप्टो
स्टैनफोर्ड से पढ़ाई छोड़कर आए आदित पलिचा और कैवल्य वोहरा ने 2021 में जेप्टो की शुरुआत की थी। उन्होंने 10 मिनट डिलीवरी मॉडल पेश करके भारत के किराना डिलीवरी बाजार में क्रांति ला दी। उनके डेटा-संचालित लॉजिस्टिक्स और परिचालन दक्षता ने जेप्टो को भारत के तेजी से बढ़ते स्टार्टअप्स में से एक बना दिया।

मामाअर्थ
वरुण अलघ और गजल अलघ का सफर दोस्ती से शुरू हुआ था। उन्होंने 2016 मामाअर्थ की शुरुआत की थी। मामाअर्थ के फाउंडर इस कपल ने बच्चों के लिए सुरक्षित, उत्पाद बनाने का काम किया। नेचुरल, पर्सनल केयर प्रोडक्ट पर उनके फोकस ने भारतीय उपभोक्ताओं को प्रभावित किया, जिससे मामाअर्थ एक अग्रणी D2C मेकअप और पर्सनल केयर ब्रांड बन गया।

मीशो
विदित आत्रे और संजीव बरनवाल के फ्रेडशिप से बनी (Vidit Aatrey and Sanjeev Barnwal) मीशो की स्थापना 2015 में हुई। मीशो की शुरुआत छोटे व्यवसायों और व्यक्तियों को सोशल मीडिया के माध्यम से उत्पादों को फिर से बेचने में मदद करने वाले एक मंच के रूप में हुई थी। लाखों MSME विशेष रूप से टियर-2 और टियर-3 शहरों की महिलाओं को सशक्त बनाकर, मीशो भारत के सोशल कॉमर्स क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी बना दिया।

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