गोरखपुर: पेट्रोल पंप खोलने पर एन.जी.टी ने भेजा नोटिस

राप्ती नदी के किनारे डूब क्षेत्र में खोले गए पेट्रोल पंप पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने सख्ती दिखाते हुए सभी पक्षों को नोटिस भेजा है। इस मामले में 19 नवंबर को सुनवाई होगी। हालांकि इस मामले में गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने 16 मार्च 2024 को पेट्रोल पंप को सील कर दिया था।
डूब क्षेत्र में पेट्रोल पंप खोले जाने के मामले में ओम प्रकाश गुप्ता ने याचिका दाखिल की और आरोप लगाया कि नियमों को दरकिनार कर पेट्रोल पंप खोला गया है। इस मामले में एनजीटी ने जांच के लिए जिला प्रशासन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जल शक्ति विभाग की संयुक्त टीम बनाई। 21 जून 2024 को जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट एनजीटी के पास प्रस्तुत की।
जांच रिपोर्ट के मुताबिक, गोरखपुर मास्टर प्लान-2021 में जिस जगह पेट्रोल पंप बनाया गया है, वह बाढ़ प्रभावित जोन में आता है। वहां निर्माण पूरी तरह से प्रतिबंधित है। पेट्रोल पंप से 466 मीटर की दूरी पर नदी है। जिस भूमि पर पेट्रोल पंप बना है उसका भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र दिया गया है लेकिन भू-प्रयोग प्रमाण पत्र नहीं दिया गया है।
इस रिपोर्ट के बाद एनजीटी ने भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल), उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जीडीए को नोटिस भेजकर आपत्ति मांगी है, लेकिन किसी की तरफ से आपत्ति नहीं की गई।
अब भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और पेट्रोल पंप संचालक ओंकार नाथ कुशवाहा ने रिपोर्ट को चुनौती देते हुए लिखित आपत्ति दाखिल करने के लिए समय मांगा। याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करने वाले अधिवक्ता ने बताया कि एनजीटी के चेयरपर्सन जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और विशेषज्ञ सदस्यों की बेंच ने चार हफ्ते का समय देते हुए अगली सुनवाई की तारीख 19 नवंबर 2025 तय कर दी है।